गुलाब से पूछो कि दर्द क्या होता है, देता है पैगाम मोहब्बत का और, खुद काँटों में रहता है | Happy Rose Day
फूल गुलाब का भेज रहे है, आपके लिए लबों से छूकर जान, इसमें डाल दीजिए | Happy Rose Day
गुलाब जैसी हो, गुलाब लगती हो, हल्का सा जो मुस्कुरा दो, तो लाजवाब लगती हो | Happy Rose Day
काँटों से घिरा रहता है, फिर भी गुलाब खिला, रहता है | Happy Rose Day
'तुम वो हो जिसे मै, पाना चाहता हुँ तुम्हे, जिस्म से नहीं रूह, से अपना बनाना, चाहता हूँ | Happy Rose Day '
जसको पा ना साके वो, जनाब हो आप मेरी ज़िन्दगी का पेहला, ख्वाब हो आप लोग चाहे कुछ भी काहे लेकिन मात्र लिए सुंदर, सा गुलाब हो आप | Happy Rose Day
R- Rare O- Ones S- Supporting E- Entire life Happy Rose Day
मैं तोहफा बनकर पहुँच जाता हूँ जहाँ, मुझे देख मुस्कुरा देता है, सारा जहां | Happy Rose Day
होठों जैसे पंखुड़ियाँ मेरी, कोमल काँटों से बच के ज़रा, कहीं हो न जाओ घायल | Happy Rose Day
आशिक़ों के महबूब के, पैरो की धूल हूँ, हाँ मैं एक लाल गुलाब, का फूल हूँ | Happy Rose Day
खुशबू जो फूलों में समाई हुई है। ए दिल उसकी सांसों, से चुराई हुई है।
बरसात में किसी की याद, का दर्द पूछना है, तो मेरी आंखों से पूछो।
आप जब मुस्कुराते आते हैं, अदा से। मत पूछ कितने, फूल खिल जाते हैं यहां।
यह कैसा इंतिहान वक्त ने ले लिया। नीलाम एक शायर ने, जज्बातों को कर दिया।
मैंने लिखी है खून से इश्क की, कहानी। यह और बात है कि बर्बाद कर डाली जवानी।
कितने ही ख्वाब सजाए हैं, अभी पलकों पर। तुम करीब आओ, तो सब पूरे हो जाएं।
निगाहें ढूंढ रही है, वहीं ख्वाब सुनहरे। जो कभी मिल बैठ, कर दे
कौन जाने कब सुन ले, दुआ दिल की, खुदा के सामने हाथ, फैलाए रखना।
दिल से तड़प किसी, सूरत में नहीं जाती, हाय क्या होगा तेरे, जुनूँ का अंजाम?
खुशबू समेटकर सारे गुलशन की। कुदरत ने भर दी उस हंसी, की सांसो में।
शहर ही नहीं दुनिया छोड़ देता | काश यह फैसला खुद तूने, सुनाया होता।
मैं नजर से कह रहा था, वह नजर से सुन रहे थे । हम दोनों यूं ही कुछ, सपने बुन रहे थे।
शबनम सी सादगी फूलों की ताजगी | लेकर मैंने तेरे हुस्न को, संवारा रातों में।
कितने इल्जाम अभी उठाने होंगे | बदनाम और कितने हमारे फसाने होंगे।
दीया उम्मीदों का यू बुझाया नहीं करते। प्यार करने वालों को क्यों, भुलाया नहीं करते।
नाम रोशन हो गया दीवानों में तेरा, मेरा। कुछ इतने चर्चे शहर में, हमारे प्यार के हुए |
तेरी दीवानगी ने बड़ा यह काम, किया। दुनिया भर में मशहूर, मेरा नाम किया।
पत्थरों के शहर में फरियाद क्या, करें? जो भूल गई हमें अब उसे, याद क्या करें।
तेरे बदन पर उमड़ा हुआ वो शबाब, आज फिर कर रहा है, दिल को बेताब।
आईने में अपना हुस्न देखकर वो बोले, तेरी दीवानगी मुझसे भी ज्यादा है।
देखा मुझे मुस्कुराकर नजरें, झुका दी कितनी सादगी से, बिजली गिरा दी।
जी चाहे तोड़कर रस्मों की जंजीरों, को मैं तुझको बांध लूं, प्रीत की डोरी से।
जब भी जिक्र होगा मेरा तेरे सामने कभी तनहाई में जाकर अश्क, बहाया करेगी बहुत।
नहीं भूल पाऊंगा तेरी बाहों के दायरे, क्या एक बार फिर प्यार, को निभाने आओगी।
प्यार तुमने खुद किया था किसी, की मर्जी से नहीं वफ़ा निभा दे हर, एक से मुंह मोड़ कर।
मेरी जिंदगी है तेरे प्यार की कहानी, मर जाऊंगा जानम मुझे, ना भूल जाना।
क्या हालत है मेरी ए बेवफा तू, क्या जाने मेरी तो मौत भी मेरी, जिंदगी से घबरा गई।
एक पल भी चैन नहीं आता, क्यों तूने प्यार किया, मुझसे इस कदर |
किस पर अब यकीन हम करें ए, सनम इस शहर का हर शख्स, प्यार से अंजाना है।
मैं तेरी यादों में गुजार दूंगा, उम्र तमाम दिल में तेरी सूरत, रहेगी लब पे तेरा नाम।
न जाने क्यों तेरा ख्याल मिटाए, नहीं मिटता मेरी आंखों से तेरा, चेहरा हटाएँ नहीं हटता।
चलो अब मिल जाए सब पहरे तोड़कर आओ कहीं दूर चले, यह शहर छोड़ कर।
मैं कैसे भूल जाऊं ,तेरे प्यार की बातें तेरी मुलाकातों के सवेरे, तेरे मिलन की रातें |
दिल से दिल मिला था,होठों से होठ मिले थे उन रातों में प्यार के, कुंवारे फूल खिले थे।
अब बहारें आए तो कैसे, आए मेरे गुलशन से, जब वही रूठ गए।
मुझे बहुत याद आता है वो गुजरा जमाना, देखना ,मुस्कुराना और, दौड़कर लिपट जाना।
तेरी गलियों की खाक में सितारे हैं। सच बताओ कि गैरों, के या हमारे हैं।
वो आईने में यूँ खुद को देख रहे हैं, मानो कि जवाब अपना, ही ढूंढ रहे हैं।
यकीन रख ये दुआ कबूल होगी, हमारी अरमानों की हर कली खिल, के फूल होगी हमारी।
ए खुदा मेरे महबूब से मुझको मिला दे, हां मुझे मेरी मोहब्बतों का सिला दे |